बालसाहित्य संस्थान मुख्यतया बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी का प्रकाशन विगत 18 वर्षो से जन सहयोग से करते आ रहा है। पत्रिका प्रकाशन के साथ ही बच्चों की कार्यशालाओं व बाल मेलों का आयोजन जन सहयोग से किया जाता है। बालप्रहरी केवल पत्रिका ही नहीं बच्चों को साहित्यिक मंच उपलब्ध कराने, उनके मन में वैज्ञानिक सोच जाग्रत करने व उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने की पहल है। इस पहल में आपका सहयोग अपेक्षित हैः-
1. बालप्रहरी पत्रिका की संरक्षक/आजीवन सदस्यता भिजवाकर मदद कर सकते हैं।
2. पारिवारिक/परिचित बच्चों को बालप्रहरी के लिए ड्राइंग व कविता भेजने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
3. यदि आप सक्षम हैं तो अपने समीपवर्ती स्कूलों/पुस्तकालयों/गरीब बच्चों को बालप्रहरी की सदस्यता जमा कर
उन तक पत्रिका भिजवा सकते हैं।
4. बालसाहित्य रचनाकारों, रचनात्मक शिक्षकों व अभिभावकों को बालप्रहरी की सदस्यता के लिए प्रेरित कर
सकते हैं।
5. अपने पूर्वजों/पारिवारिक जनों की स्मृति में कहानी/कविता प्रतियोगिता प्रायोजित कर सकते हैं।
6. बालप्रहरी पुस्तकालय के लिए तथा बच्चों को पुरस्कार में देने के लिए पुस्तकें भेंट कर सकते हैं।
7. अपने प्रतिष्ठान का विज्ञापन/शुभकामना विज्ञापन बतौर आर्थिक मदद कर सकते हैं। पत्रिका के किसी एक
अंक का प्रकाशन अपने सौजन्य से करवा सकते हैं।
8. आप अपने स्कूल/शहर में बच्चों की 5 दिवसीय कार्यशाला प्रायोजित करवा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9412162950 पर संपर्क किया जा सकता है।