उत्तराखंड के मित्रों के नाम पत्र
शुभ स्थान -अल्माड़
असोज 11 पैट,वृहस्पतिवार
28 सितंबर ,2023
सिद्धीश्री सर्वोपमा योग्यवर-6
आमा-बुबू, ठुल ईजा-ठुल बौज्यू,कका-काकी,ममा-मामी और सबै ठुलां कैं म्येरि पैला और नना कैं प्यार आशीष। उत्तराखंड में सरकार अघिल लोकसभा चुनावै तैयारी में लागिगे। आपुण नेताओं कैं खुशि करणा लिजी 10 नेताओं कैं लाल बत्ती दि हाली बल। सुणाई में ऐरै कि कुछ और नेताओं कैं लै लाल बत्ती दिणै तैयारी चलि रै। सरकार आपुण तरफ बटी तो विकासै लिजी बहुत लागि रै बल। नेता लोग सरकारै उपलब्धि लोगों कैं बताण रयीं। पर धरातल में लोग परेशान छन।अस्पताल,स्कूल, सड़कौं हालत ठीक नहां। रोडवेजा बस बंद है गयीं। हमार गौंक सभापति ज्यू कूणी कि विश्व बैंक और दुसार-तिसार योजनाओं लिजी खूब डबल उणौ। हम सोचण रयूं कि सरकारल दान खात खोलि रौ। सभापति ज्यू कूणी कि य दान नहां कर्ज छू। उत्तराखंड राज बणी बाद नेता लोगों तनखा व पिल्सन तो बड़ि गे। दगाड़-दगड़ै सरकार पर बहुतै कर्ज चढ़िगो। य कर्जे भरपाई हम सबूं कैं करण छू। सभापति ज्यू कूणी कि सरकारल सरकारि कर्मचारी लोगों पिल्सन बंद करि हाली। नेता लोगों कैं विधायक और सांसदै कतूकै पिल्सन देयी जाणै। नेता लोग आपुण पिल्सन और तनखा बढ़ाण बखत इक्के है जानी। जनता सुविधा लिजी इनौर बजट कम है जां। पहाड़ पन भोल 29 सितंबर बटी सराद छन। सोल सरादों में लासण-प्याज, चिचन और भडू जसै बहुत साग नि खाई जान। सोल सरादों में सब आपुण पितरौं कै छकि बे सेवा करनी। हमार गौंक सभापति ज्यू कूनी कि भारत में आदिमै इज्जत मरि बाद जादे हूंछ। आदिम मरि जां तो लोग वी बहुत तारीफ करनी। ज्यून जी क्वे नि पुछन। माल बाखई हिमतुका द्वि च्याल विदेश छन। एक च्यल बंबई और एक च्यौल गाजियाबाद में ठुल सैप छू बल। च्याल ब्वारी सब भ्यारै छन। पछिल द्वि-तीन साल पैली बुड़ी लै खतम है गेई। बुड़ी मरी बाद हिमतुका विचार बीमारै छी। च्याल ब्वारी लै देश-परदेश बटी नना कैं छोड़ि बे कां ऐ सकछी। हिमतु का हाय पाणि कूनै पोरबेर खतडुवा चार-पांच दिन पैली मरि गयीं। विचार भागि है गयीं। हिमतुका मरण हूं विदेश वाल और बंबई वाल च्याल ब्वारी घर नि आय। उनूल ऑनलाइन तिलांजलि देछ बल। गाजियाबाद वाल मधनी घर ऐबे गति पति करि गो। अलबेर वार्षिक सरादा दिन चारै चार च्याल घर ऐ रछी। पंडि ज्यूल परच में जे-जे लेखि रछी। सारै समान मगै बे पंडि ज्यू कै दि हालौ बल। सुणाई में ऐरै कि हिमतु का सेतणा लिजी पैत्तीस हजारौ डबल बैड लै पंडि ज्यू घर पुजै रौ। हिमतु का आत्मा मरण बखत खुशि निछी। यै लिजी हिमतु का मनोरंजना लिजी रंगीन टीवी लै दान करि रौ बल। सुणाई में ऐरै कि विदेश वाल द्वियै च्याल खुशि मना छन । उनूंल आपुण बौज्यू नाण धूणा लिजी गरम पाणि लिजी गीजर लै पंडि ज्यू कैं दान करि रौ बल। आज भोउ हिमतुका वार्षिक सरादा क्वीड़ सार गौं इलाक में चलि रयीं। सोल सरादों में गौं बाखई पन पंडि ज्यू कैं पाणि पीणै फुरसत नहां। जब बटी ऑनलाइनौ जमान आछ। पंडि ज्यू हिटन हिटनै दूरा जजमानौ सरादा मंत्र लै कहते जानीं। और जे हौय जंगलौ रस्त में पंडि ज्यू जोर जोरा मंत्र सुण बे बाघ लै लुकी जाणौ। ऑनलाइन में जजमान लै खुशि छन। पंडि ज्यू विचारों लिजी बहुत हकाहक हैजैं। पहाड़ पन असोजै समेरा समेर चाल हैगे। अलबेर चौमास किरसाण हैरौ। बखत-बखत पर द्यो छिट पड़ण रयीं। मडु-झुंगौर सुखी सुखाई सड़ि जाणौ। दिन में घाम ऐ लै गयो तो घाम में ताकत नहां। लौकि-तुमड़ा बड़ि बहुत लोगूंल बणै रयीं। क्ये करछा बड़ि में सितड़ैन ऐगे। खतड़ू बाद घरौं पन रतै ब्याल ठंड बड़ि गो। दिन में तो घाम देखीण रौ। पर रतै पर बनैन पैरण पड़ण रै। असोज में लोगों कैं पाणि पीणै फुरसत नहां। इकलू परिवार बहुत असज में छन। असोजा समेरा समेर, गोरू-बाछ, घरौं पन छ्वाट नान तिन, बीं-बाई सुखौण उमै लै द्यो छिट पड़ि गया तो अणकस्सै है जाणौ। इकलू परिवार वाल छ्वाट नना कै घर में गुठ्यै जाणी। क्वे-क्वे तो नना खुट बादि बे खेति पाती काम में जाण रयीं। आज भोउ घरौं पन बुड़-बाड़ी बहुत इज्जत हुणै। जो घर में बुड़-बाड़ि छन। उ घरा लोगों कैं बहुत मदद मिलण रैं। क्वे बुड़-बाड़ि तो बिस्तर में पड़ी छन। असोज में उनूकैं लै बखत पर चहा पीण नि मिलण रौय। असोज 28 पैट यानी 15 अक्टूबर बटी पहाड़ पन रामलील छन। आज भोउ तालीम चरि रै। क्वे-क्वे स्कूलों में नना छमाही इम्तिहान चलि रयीं। आज भोउ स्कूली नना खेल कूद और नाच-गीत जसै दुसार-तिसार कार्यक्रम चलि रयीं। स्कूली नना कै दिन में दाउ-भात मिलणै रौ। क्वे-क्वे मास्टर सैप आपुण बदई चक्कर में लागियै छन। आज इतुकै लेखण रयूं। लाटि-कालि भाष कैं ल्याक लगाया। चिट्ठी ठुलि है गे कै नराज झन हया।आपुण तरफ बटी कमै लेखूल कै सोचनू। मनसुप जसै लागि जानी। कै बखतै बाटुई लागीं तो आपुं कैं याद करनू। बाटुई थामी गई तो सोचनू आपुं याद करण रछा। उ बखत पुराण दिनां याद ऐ जैं। नान छना गोरू ग्वाउ पन कसि कौउ-बिकौउ करि दिछी हम लोग। पहाड़ पन आब भनेर भुरभुराण कमै हैगो। जादेत्तर घरौं में गैसा चुल चलि गयीं। आपुं समझदार छा। कुमाउनी गढ़वाली कै बचाणा लिजी आज भोउ जाग जगां बैठक चलि रयीं। बैठक दगाड़ य जरूरी छू कि हम आपुण घर में आपुण नना दगाड़ कुमाउनी-गढ़वाली में बात करूं। चिट्ठी मिलि गे कै द्वि आंखर जरूर लेखि दीया। आज भोउ सबूं कै मुबाइल में अनलिमिटेड प्लान छू। द्वि आंखर लेखि दिला तो तुमर मुबाइल घोइण जै क्ये रौ। आपुण ज्यानै हिफाजत करीया। तबै पालना होलि। बुड़-बाड़ि कैं मिलणै रौ कै वाल हाथ खपाड़,पाल हाथ खपाड़ नि करण चैन। च्याल ब्वारियां कैं लै बुड़-बाड़ी उज्याड़ि ध्यान दिण चैं। एक गास रूख-सुख बखत पर उनूकै खवै दिया। बांकि फिर लेखूल ।
तुमर मितुर ,
उदय किरौला
संपादक बालप्रहरी
सचिव बालसाहित्य संस्थान
दरबारीनगर अल्मोड़ा उत्तराखंड
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