बालसाहित्य संस्थान उत्तराखंड सरकार द्वारा पंजीकृत संस्था है। भारत सरकार के नीति आयोग में भी संस्था पंजीकृत है। संस्था वर्तमान में मुख्य रूप से त्रैमासिक बाल पत्रिका ‘बालप्रहरी’ प्रकाशन के साथ ही वर्तमान में बच्चों के लिए कहानी कविता आदि पर ऑनलाइन गतिविधियां भी आयोजित कर रही हैं। अभी तक लगभग 455 ऑनलाइन गतिविधियां आयोजित की जा चुकी हैं।
1. बच्चों को साहित्यिक मंच उपलब्ध कराने, उनके लेखन कौशल को बढ़ाने, उन्हें अभिव्यक्ति का अवसर देने, बच्चों के मन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण जाग्रत करने के लिए अभी तक देश के लगभग 16 राज्यों में जन सहयोग से बच्चों की पांच-पांच दिवसीय 287 कार्यशालाएं आयोजित की हैं। 2. संस्थान के पास समूचे देश से प्रकाशित लगभग 75 बाल पत्रिकाओं का संकलन है। स्थान-.स्थान पर आयोजित बालसाहित्य संगोष्ठियों में इन पत्रिकाओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। 3.संस्थान ने आई.एस.बी.एन.नंबर सहित 25 पुस्तकों का प्रकाशन किया है। 4.संस्थान प्रतिवर्ष बालसाहित्य पर राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी का आयोजन जन सहयोग से कर रहा है। स्थानीय स्तर की संगोष्ठियां भी स्थान.स्थान पर की जा रही है। 5.संस्थान ने बालसाहित्य पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले देश के लगभग 185 बालसाहित्य रचनाकारों को जन सहयोग से सम्मानित किया है।
6. ‘उत्तराखंड के बालसाहित्य रचनाकार एवं उनका रचना संसार’ ग्रंथ प्रकाशनाधीन है। 7. संस्थान ने जन सहयोग से गरीब व असहाय बच्चों को पुस्तकेंए कपड़े तथा जूते आदि दिलाने का कार्य किया। 8.सन् 2019 में केरल में आई प्राकृतिक आपदा के लिए जन सहयोग से 20,000 रुपए धनराशि आपदा पीड़ितों के लिए भेजी गई। 9.जन सहयोग से गरीब बच्चों को गणवेश व पुस्तकें आदि उपलब्ध कराने का प्रयास 10.बच्चों की हस्तलिखित पत्रिका/पुस्तकें तैयार करना/बाल कवि सम्मेलनों का आयोजन 11.कार्यक्रमों में बतौर अध्यक्ष/अतिथि बच्चों की भागीदारी 12.विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित बाल गतिविधियों में बतौर संदर्भदाता सहयोग 13.कोरोना काल में बच्चों को साहित्यिक मंच उपलब्ध कराने, उन्हें अभिव्यक्ति का अवसर देने के लिए ऑनलाईन कार्यक्रमों का आयोजन। अभी तक 455 कार्यशालाओं का आयोजन.
अल्मोड़ा,उत्तराखंड से विगत 18 वर्षो से अनवरत रूप से जन सहयोग से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी के लिए बाल कहानी, बाल कविता आदि बालापयोगी रचनाएं प्रकाशनार्थ सादर आमंत्रित हैं। फिलहाल मानदेय दिया जाना संभव नहीं है। रचनाएं मेल से भी भेजी जा सकती हैं।
रचनाएं डाक से भी संपादक बालप्रहरी दरबारीनगर,अल्मोड़ा, उत्तराखंड के पते पर भी भेजी जा सकती हैं। वाट्सअप पर कुछ समय बाद सामग्री हट जाती है। इसलिए रचनाएं मेल या डाक से भिजवाकर मदद कीजिएगा। आशा है सहयोग कर कृतार्थ करेंगे। अधिक जानकारी के लिए 9412162950 पर संपर्क किया जा सकता है।
बच्चे की प्रत्येक रचना पर नाम कक्षा स्कूल पूरा पता एवं फोन नंबर लिखा जाना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए 9412162950 पर संपर्क किया जा सकता है।ं मेल से भी भेजी जा सकती हैं।
अध्यक्ष
उपाध्यक्ष
सचिव
कोषाध्य़क्ष
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पांच दिवसीय कार्यशालाएं (आफलाइन)
औनलाईन कार्यशालाएं
बच्चों द्वारा औनलाइन संचालन